UP: कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी में 1.68 करोड़ के घोटाले के मामले में 6 लोग गिरफ्तार
कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (केस्को) में हुए 1.68 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, बिजली विभाग के ठेकेदार ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मदद से पेमेंट गेटवे हैक कर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। उसने एक हैकर की मदद से पेमेंट गेटवे का यूआरएल बदल दिया था और फिर पैसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (केस्को) में हुए 1.68 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, बिजली विभाग के ठेकेदार ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मदद से पेमेंट गेटवे हैक कर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। उसने एक हैकर की मदद से पेमेंट गेटवे का यूआरएल बदल दिया था और फिर पैसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
कमिश्नरेट पुलिस की साइबर टीम ने अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 90 लाख रुपये की नकदी बरामद की है। इसके अलावा पुलिस ने उनके पास से 31 मोबाइल फोन और 30 एटीएम और अन्य दस्तावेज भी बरामद किये हैं। अब तक की जांच में कुछ और नाम भी सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर रही हैं।
केस्को उपभोक्ता अपने बिजली बिल का भुगतान बैंक गेटवे के माध्यम से ऑनलाइन करते हैं, और भुगतान के बाद बैंक केस्को के खाते में धनराशि स्थानांतरित कर देता है। हाल ही में जब केस्को ने भुगतान का मिलान किया तो पता चला कि उसने 18 जून से 16 जुलाई तक करीब 1905 उपभोक्ताओं के 1.68 करोड़ रुपये जमा ही नहीं कराए।
केस्को की ओर से ग्वालटोली थाने में केस दर्ज कराया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 18 जून से 23 जून के बीच आईसीआईसीआई बैंक के गेटवे में छेड़छाड़ कर केस्को के 679 उपभोक्ताओं के 44.92 लाख रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए गए हैं। इसके बाद एक जुलाई से 16 जुलाई तक 1102 उपभोक्ताओं की 1.03 करोड़ रुपये की जमा राशि इसी तरह प्रभावित रही। 17 जुलाई को प्रत्येक उपभोक्ता के भुगतान का सत्यापन किया गया जो बैंक खाते में आया और उसका मिलान किया गया। इसमें पता चला कि बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने भुगतान तो कर दिया, लेकिन बैंक की ओर से राशि ट्रांसफर नहीं की गयी। पता चला कि गेटवे में छेड़छाड़ कर करीब 1.68 करोड़ रुपये का भुगतान दूसरे खाते में ले लिया गया है।
22 जुलाई को मामला दर्ज होने के बाद, पुलिस आयुक्तालय की अपराध शाखा की साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की और महत्वपूर्ण सुरागों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके बाद साइबर सेल सहित चार पुलिस टीमों को मेरठ, बागपत और उसके आसपास भेजा गया।
अब तक की जांच में पता चला है कि बिजली ठेकेदार विवेक शर्मा ने 22 खाते खोले थे और इनमें एक पति-पत्नी भी खाताधारक थे। पति योगेन्द्र को भी साइबर सेल ने पकड़ लिया है। उन्होंने बताया कि वह बिजली विभाग के ठेकेदार विवेक शर्मा के संपर्क में थे, जिन्होंने उनके कहने पर केस्को इलेक्ट्रॉनिक्स के नाम से खाता खोला था। साइबर सेल ने बैंक खातों से पैसे निकालने वाले तीन आरोपियों को भी पकड़ लिया है।
पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने कहा, "जांच के दौरान कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं और पुलिस टीमें उनकी तलाश में छापेमारी कर रही हैं।" गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान दिल्ली के सोहेल खान, विवेक कुमार शर्मा, (ठेकेदार), अनिल कुमार, करण राणा, योगेन्द्र और शक्ति, सभी बागपत के निवासी के रूप में हुई है।
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