खरादी पर लकड़ी के खिलौने तैयार करने वाले कुंदेर समाज के लोगो के भी अब अच्छे दिन आएंगे.समाज के हजारों लोगों को जल्द ही पिछड़े वर्ग में शामिल किया जा सकता है.

राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के शोध अधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि कुंदेर समाज के लोगों ने आवेदन दिया था कि हमारे समाज के लोगों को भी अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया जाए।इस आवेदन में कहा गया था कि हम भी बड़े ही की तरह जो कलाकृतियों का काम है वह करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के तीन जनपदों में गोरखपुर मिर्जापुर और वाराणसी में इनकी संख्या सर्वाधिक है।

खरादी पर लकड़ी के खिलौने तैयार करने वाले कुंदेर समाज के लोगो के भी अब अच्छे दिन आएंगे.समाज के हजारों लोगों को जल्द ही पिछड़े वर्ग में शामिल किया जा सकता है.

इसके सर्वे के लिए सोमवार को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की तीन सदस्यीय टीम सोमवार को वाराणसी पहुंची।यह टीम 5 दिनों तक काशी में रहकर समाज के अलग अलग लोगों से बातचीत के आधार पर रिपोर्ट तैयार करेगी।



सर्वे टीम ने वाराणसी के कश्मीरी गंज स्थित राम मंदिर में खरादी समाज के विभिन्न लोगों से वार्तालाप करते हुए उनके रहन-सहन और उनके कार्यों के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त की।

राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के शोध अधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि कुंदेर समाज के लोगों ने आवेदन दिया था कि हमारे समाज के लोगों को भी अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया जाए।इस आवेदन में कहा गया था कि हम भी बड़े ही की तरह जो कलाकृतियों का काम है वह करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के तीन जनपदों में गोरखपुर मिर्जापुर और वाराणसी में इनकी संख्या सर्वाधिक है।



उन्होंने कहा कि आयोग के आदेश पर इन्हीं जातियों के सर्वे करने के लिए उन्होंने कहा कि उनके आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का सर्वे करने के लिए एवं अन्य विषयों पर अध्ययन करने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के तरफ से यह सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग जगह पर जाकर इसका सर्वे करेंगे या सर्वे कल 5 दिनों तक चलेगा उसके बाद हम इसकी रिपोर्ट आयोग को देंगे।

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